Lok Sabha Chunav: उत्तराखंड में 6779 लोग नहीं कर सकेंगे वोट, पर लड़ सकते हैं चुनाव; पढ़ें क्या है मामला

उत्तराखंड की 10 केंद्रीय व जिला कारागार में 6779 कैदी और बंदी कैद हैं। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 62 जेल में बंद बंदियों व कैदियों को मतदान का अधिकार नहीं देती। इसलिए ये बंदी इस लोकसभा चुनाव में भी वोट से वंचित रहेंगे।

वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में एक व्यक्ति ने जेल से वोट का अधिकार मांगा था। तब तत्कालीन मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने आइजी जेल से रिपोर्ट तलब की थी। आइजी जेल ने एक्ट का हवाला देकर वोटिंग का अधिकार न होने की बात कही थी। जेल रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए), गुंडा एक्ट तथा शांतिभंग की 107-116 व 151 की धाराओं में बंद कैदियों के लिए ही वोट देने की व्यवस्था की जाती है।

इधर, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 62 के स्पष्ट है कि जेल से बंदी चुनाव लड़ सकते हैं। बात राज्य की करें तो इस बार लोकसभा चुनाव में 6779 बंदी व कैदी वोट नहीं कर पाएंगे। वोट देने की मांग मध्य प्रदेश के जिला बैकुंठपुर से भी उठी है। इसे लेकर कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर बंदियों व कैदियों को वोट का अधिकार देने की मांग की है। 

कारागार का नाम बंदियों व कैदियों की संख्या

जिला कारागार देहरादून               1499
जिला कारागार हरिद्वार                 1340
जिला कारागार नैनीताल                  170
जिला कारागार अल्मोड़ा                 354
जिला कारागार चमोली                   128
जिला कारागार टिहरी                    198
जिला कारागार पौड़ी                     168
उप कारागार हल्द्वानी                  1502
उप कारागार रुड़की                    439
संपूर्णानंद शिविर सितारगंज           48
केंद्रीय कारागार सितारगंज        805

पिछला लेख पहली बार उत्तराखंड के इन गांवों में नहीं होगा मतदान, पढ़ें
अगला लेख Elections 2024: उत्तराखंड में करोड़पति हैं 55 में से 23 उम्मीदवार, पढ़ें पूरी खबर
or

For faster login or register use your social account.

Connect with Facebook